हल्की-फुल्की सी है जिंदगी, बोझ तो "ख्वाइशों" का है !
दो तथ्य हमारे व्यक्तित्व को परिभाषित करते हैं !
पहला, हमारा धीरज जब हमारे पास कुछ ना हो !
दूसरा, हमारा व्यवहार जब हमारे पास सब कुछ हो !
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