Wednesday, June 2, 2021



*कितना भी पश्चाताप,*


*भूतकाल को हल नहीं कर सकता....*


*और कितनी भी चिंता,*


*भविष्य को नहीं बदल सकती......*


*श्रेष्ठ वर्तमान ही सुखद भविष्य की नींव है , उसी को सींचे जाये।*

      

         

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