*"हम रिश्तों को और अधिक मधुर एवं प्रगाढ़ बना सकते है... बस अपनी सोच में छोटा सा परिवर्तन करके
*"हम विचार करें कि सामने वाला इतना त्रुटिपूर्ण नही है, वह मात्र हमारी अपेक्षाओं से थोड़ा भिन्न है
No comments:
Post a Comment