नेत्र केवल दृष्टि प्रदान करते हैं...!
परन्तु हम कँहा क्या देखते हैं, यह हमारे मन की भावना पर निर्भर है....!!
जब तक जीना , तब तक सीखना...!
यानी अनुभव ही जगत में सर्वश्रेष्ठ शिक्षक है.........!!
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