" मैं ", इंसानियत में बसता हूँ...!
और लोग मुझे धर्म में ढूढते हैं...!!
महफ़िल थी दुवाओं की तो मैंने भी एक दुआ मांग ली...!
मेरे अपने सदा खुश रहे मेरे साथ भी मेरे बाद भी.......!!
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