जब दरवाजे के दो पल्ले मिलते थे तो हम भी गले मिलते थे। जबसे पल्ला सिंगल हुआ हम भी एक दूसरे से पल्ला झाड़ने लगे और एकाकी जीवन जीने लगे।
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