बीज अंकुरित होते हुए कभी आवाज नहीं करता...!
मगर पेड़ जब गिरता है तो जबरदस्त शोर के साथ...!
उसी प्रकार विनाश में शोर है...!
सृजन तो हमेशा मौन रहकर ही समृद्धि पाता है......!!
बीज अंकुरित होते हुए कभी आवाज नहीं करता...!
मगर पेड़ जब गिरता है तो जबरदस्त शोर के साथ...!
उसी प्रकार विनाश में शोर है...!
सृजन तो हमेशा मौन रहकर ही समृद्धि पाता है......!!
कुछ बातों के मतलब हैं, और कुछ मतलब की बातें...!
जब से फर्क समझा, जिंदगी आसान हो गई....!!
ज़िंदा रहने का कुछ ऐसा अन्दाज़ रखिये...!
जो आपको ना समझे उन्हें नज़रंदाज रखिये.......!!
तालाब एक ही है...!
उसी तालाब मे हंस मोती चुनता है और बगुला मछली...!
सोच सोच का फर्क होता है, आपकी सोच ही आपको बड़ा बनाती है...!
यदि हम गुलाब की तरह खिलना चाहते हैं तो...!
हमें काँटों के साथ तालमेल की कला सीखनी होगी.......!!
धैर्यवान इंसान आत्मविश्वास की नाव पर सवार होकर हर चुनौती की नदी को सफ़लतापूर्वक पार कर जाता है....!!
जब हृदय धैर्यवान और बुद्धि बलवान हो जाती है तो जीवन की हर चुनौती आसान हो जाती है.......!!
*"हम रिश्तों को और अधिक मधुर एवं प्रगाढ़ बना सकते है... बस अपनी सोच में छोटा सा परिवर्तन करके
*"हम विचार करें कि सामने वाला इतना त्रुटिपूर्ण नही है, वह मात्र हमारी अपेक्षाओं से थोड़ा भिन्न है
यही जुनून यही एक ख़्वाब है...!
वहाँ चराग जला दूँ जहाँ अँधेरा है....!!
ऊंची उड़ान भरने वाले पक्षी घमंड नही करते...!
क्योकि.. वो जानते हैं की आसमान मे बैठने की जगह नही होती......!!
पैसे और ताक़त को सभ्यता का पैमाना बताने वाला समाज एक दिन अचानक शिक्षित और सभ्य लोगों को खोजने लगता है!