यही जुनून यही एक ख़्वाब है...!
वहाँ चराग जला दूँ जहाँ अँधेरा है....!!
ऊंची उड़ान भरने वाले पक्षी घमंड नही करते...!
क्योकि.. वो जानते हैं की आसमान मे बैठने की जगह नही होती......!!
यही जुनून यही एक ख़्वाब है...!
वहाँ चराग जला दूँ जहाँ अँधेरा है....!!
ऊंची उड़ान भरने वाले पक्षी घमंड नही करते...!
क्योकि.. वो जानते हैं की आसमान मे बैठने की जगह नही होती......!!
पैसे और ताक़त को सभ्यता का पैमाना बताने वाला समाज एक दिन अचानक शिक्षित और सभ्य लोगों को खोजने लगता है!
नेत्र केवल दृष्टि प्रदान करते हैं...!
परन्तु हम कँहा क्या देखते हैं, यह हमारे मन की भावना पर निर्भर है....!!
जब तक जीना , तब तक सीखना...!
यानी अनुभव ही जगत में सर्वश्रेष्ठ शिक्षक है.........!!
*प्रतिभा महान कार्यों*
*को प्रारंभ करती है*
*लेकिन उन्हें पूर्ण तो*
*परिश्रम ही करता है*
🌻🌻 *सुप्रभात* 🌻🌻
"अबकि नूतन वर्ष में"
अबकि नूतन वर्ष में एक प्रण हम करते हैं,
टूटे-फूटे रिश्तो की चलो मरम्मत करते हैं।
बहुत हुआ रिश्तो की बखिया उधेड़ना,
अब एक काम करते हैं,
खफा हुए जो संगीसाथी,
उनका अभिनंदन करते हैं।
अबकि नूतन वर्ष में....
जिनसे ना मिले हो एक अरसे से,
उनकी नाराजगी दूर करते हैं,
मिलकर खुद अपनी तरफ से,
रिश्तो में...फूलों की सी महक भरते हैं।
आपकी नूतन वर्ष में....
दम तोड़ते कुछ रिश्तो में,
नई ऑक्सीजन भरते हैं,
चोट लगे हुए रिश्तो पर,
स्नेह का मरहम....….रखते हैं।
अबकि नूतन वर्ष में....
करके दूर गलतफहमियां दिलों की,
खुशफहमियां भरते हैं,
बड़ा के एक कदम हम आगे,
चलो.....खुशियों की महफिल रखते है।
अबकि नूतन वर्ष में....
बड़े बच्चों और हम उम्र अपनों से,
प्रेम लगाव का बंधन रखते हैं
जो आज दूर है हमसे किसी भी वजह से,
उनसे एक... बेतकल्लुफ भेंट करते हैं।
अबकि नूतन वर्ष में...
समझना ना खुद को छोटा अगर तुम,
पहल ऐसी यदि करते हो,
बड़ा वही जो दूसरों की भूल भूल कर,
प्यार से ....गले मिलते हैं।
अबकि नूतन वर्ष में..
ऋतु
Land and destiny have the same nature, whatever is sown is bound to come out...!!
No matter how successful a person becomes a businessman, but trouble cannot sell, cannot buy.